निशाने ज
वहा पर क्या है
पता नहीं
सिर्फ सरुर है
जो मुझे भी मिले
बिना किसी शर्त के
बिना किसी कीमत के
दुनिया में हर चीज
मोल पर मिलती है
क्या ऐसा था उसकी सोच
जिसने दुनिया का
सॉफ्टवेर बनाया था
बना तो दीया था
पर वो बेकार हो चला
नहीं है कोई
वो दुकान बंद हो गयी
जहाँ से उसमे कोई परिवर्तन हो
अब तो आस नहीं कोई
कोई खोजे उसे
तो शायद कुछ हो
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